Tuesday, 24 March 2020

रुकना है हमे फिर चलने के लिए

रुकना है हमे फिर चलने के लिये
घर पे रहना है घर बचाने के लिये
है कठीन बडा ये समय आज का
खोना है आज, आनेवाले कल के लिये
धीरज ना गवाँ तू इस पल मे अभी
तकलिफ सहनी है बस कुछ पल के लिये
अकेला खुद को ना समझ तू
ये समय भारी है सभी के लिये
कभी संयम छुटे, लगे जब डर तुम्हे
तब सोच परिवार और देश के लिये
कुर्बानी इतनी भी बडी नही है अभी
हम सब साथ है ये जान ले देश तेरे लिये
---- नितीन खंदारे

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